कोरबा-झूम के बरसे बदरा, राहत मिलने के साथ समस्या भी बढ़ी
RN NEWS CHHTTISGARH
September 25, 2019 02:07 PM
घंटाघर मार्ग सहित कई क्षेत्रों में पानी भरने से लोग परेशान
कोरबा। भादो में भारी उमस से जूझ रही आबादी को पिछली रात से हो रही बारिश ने राहत जरूर दी लेकिन समस्या भी बढ़ा दी। नगर के घंटाघर रोड सहित आदर्श विहार कालोनी और अन्य स्थानों में बरसाती पानी भर गया। इससे आवाजाही करने वाले परेशान हुए। निचली बस्तियों में भी पानी के प्रवेश से कई तरह की दिक्कतों का सामना लोगों को करना पड़ा। इस तरह के हालात से एक बार फिर उन उपायों पर सवाल खड़े हो गए, जिन्हें लेकर दावा किया जा रहा था कि ऐसी कोशिशों से जल जमाव नहीं होगा।
सावन में कोरबा जिले में बारिश की स्थिति बहुत अच्छी नहीं रही। औसत बारिश को लेकर भादो का इंतजार लोगों को था। पहले पखवाड़े के कुछ दिनों तक बारिश मेहरबान रही और इसके बाद यह एक तरह से गायब हो गई। कई दिनों से शहरी और ग्रामीण क्षेत्र ऐसे तप रहे थे मानो यहां नौतपा फिर से उपस्थित हो गया है। लगातार तापमान बढऩे के कारण कई तरह की चिंताएं उत्पन्न हो गई थी। इसके साथ ही खराब सड़कों से जूझ रहे जिले के अधिकांश क्षेत्र में प्रदूषण की समस्या भयावह होती जा रही थी। इसके दुष्प्रभाव से आम लोग तो परेशान थे ही, आए दिन हो रहे प्रदर्शनों से प्रशासन को चुनौती झेलनी पड़ रही थी। मध्यप्रदेश और आसपास के क्षेत्र में बने सिस्टम ने इधर भी असर दिखाया। मंगलवार से मध्यम रफ्तार से शुरू हुई बारिश ने देर रात से जोर पकड़ा। बारिश का सिलसिला अगले दिन भी जारी रहा। इससे किसानों के साथ-साथ लोगों के चेहरे जरूर खिले लेकिन बरसात के इस क्रम में कई तरह की दुष्वारियां भी पैदा कर दी। पूर्व की तरह अबकी बार भी कोरबा नगर के बुधवारी-घंटाघर मार्ग में समस्याग्रस्त नाला जल प्लावन की स्थिति को सामने लाने वाला रहा। कांशीनगर और खपराभट्ठा क्षेत्र से बहने वाला नाला मुख्य मार्ग तक पहुंचने के साथ उफान की स्थिति में आ गया। इससे आवाजाही बाधित तो हुई ही, छोटे वाहनों के साथ-साथ आम लोगों के लिए मुसीबत खड़ी हो गई। वहीं मार्ग विभाजक के दूसरी तरफ आवासीय कालोनी में भी पानी प्रवेश कर गया। बारिश के इस सीजन में तीसरी बार इस तरह के हालात पैदा हुए। नए बस स्टैंड के पास आदर्श विहार कालोनी में भी भारी बारिश का पानी समस्यामूलक साबित हुआ। 15 ब्लॉक, सीतामणी के नीचले इलाके, इमलीडुग्गू, अमरैया और रूमगरा जैसे क्षेत्रों में भी ये समस्याएं पेश आईं। सीएसईबी की एचटीपीपी कालोनी के अलकनंदा विहार में भी बरसाती पानी के घुसने से कर्मचारियों और उनके परिवारों को दिक्कतें हुई। ये ऐसे क्षेत्र हैं जहां बरसाती पानी के घुसने का सिलसिला लंबे समय से बना हुआ है। इसके समाधान के लिए कारगर प्रयास करने पर जोर दिया गया, लेकिन दावे से ज्यादा ठोस काम नहीं हो सका।
हड़ताल के बाद बारिश से नई चुनौती
एसईसीएल प्रबंधन ट्रेड यूनियनों की हड़ताल से हुए नुकसान के कारण वैसे ही हलाकान है। इधर हालिया बारिश से खदानों में पानी भरने के कारण उसके सामने नई चुनौती आ खड़ी हुई है। खुली खदानों में उत्पादन का काम पानी घुसने से बुरी तरह प्रभावित होने की जानकारी है। याद रहे एफडीआई के मुद्दे को लेकर पांच यूनियनों ने एक दिवसीय हड़ताल 24 सितंबर को करते हुए उत्पादन ठप कर दिया था। जबकि बीकेकेएमएस की हड़ताल अभी तीन दिन और चलना है। हड़ताल के प्रभावों को लेकर एसईसीएल प्रबंधन चिंता में है। नुकसान को किस तरह कम किया जा सके, इस उधेड़बुन में एसईसीलए के अधिकारी लगे हुए हैं।
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