SC ने टेलीकॉम कंपनियों सरकार को लगाई फटकार अभी तक एक पाई भी जमा नहीं हुई SC बंद कर दे देश में कोई कानून नहीं है
आर.एन. न्यूज चैनल
14/02/2020
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हमारे आदेश के बावजूद एस राशि जमा नहीं हुई ओम सुमित है कि एक पैसा भी जमा नहीं किया गया
नई दिल्ली समायोजित सकल राजस्व ए जी आर मामले में सुप्रीम कोर्ट ने टेलीकॉम कंपनी और सरकार को भुगतान में देरी पर फटकार लगाई है परीक्षण के दौरान जस्टिस अरुण मिश्रा ने याचिकाएं पर नाराजगी जताई उन्होंने कहा कि यह आज का दाखिल नहीं होना चाहिए। क्या सरकारी डेस्क अफसर सुप्रीम कोर्ट से आगे निकल रहा है जिसने हमारे आदेश पर रोक लगा दी अभी तक एक भाई भी जमा नहीं की गई है हम सरकार की डेस्क अफस र और टेलीकॉम कंपनियों पर ओम बन्ना की कार्यवाही करेंगे हम क्या सुप्रीम कोर्ट को बंद कर दे देश में कोई कानून बचा है क्या यह मृत और है
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हमारे आदेश के बावजूद राशि जमा नहीं हुई हम संबित हैं कि एक पैसा भी जमा नहीं किया गया
दूरसंचार कंपनियों को सरकार से बड़ी राहत स्पेक्ट्रम का पैसा देने के लिए मिला दो साल का वक्त
साथ ही जस्टिस मिश्रा ने कहा कि ए नोटिफिकेशन कैसे जारी किया की अभी भुगतान न करने पर कंपनियों के खिलाफ कोई कठोर कार्यवाही नहीं करेंगे सुप्रीम कोर्ट ने टेलीकॉम कंपनियों को अवमानन नोटिस जारी किया कुछ नहीं पूछा है कि क्यों न उनके खिलाफ अवमानना की कार्यवाही की जाए सभी कंपनियों के एमडी को कोर्ट में पेश होकर यह बातें को कहा कि यहां तक रुके क्यों नहीं जमा कराए गए सुप्रीम कोर्ट ने 17 मार्च को सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय एयरटेल वोडाफोन आइडिया रिलायंस कम्युनिकेशन टाटा टेलीसर्विसेज और अन्य कंपनियों के एमजीआर देश का अफसर को तलब किया
सबसे तेजी से उभरता टेलीकॉम उद्योग अब बुरी तरह डगमगा रहा क्या है मामला
टेलीकॉम कंपनियों की संशोधन याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को सुनवाई की याचिका में कंपनियों ने सुप्रीम कोर्ट से अपने उस आदेश के संशोधन करने की गुना लगाई है जिसमें उन्हें केंद्र को 23 जनवरी तक पूरी राशि चुकाने के निर्देश दिए गए थे अपनी याचिका में कंपनियों ने अदालत से अनुरोध किया है कि वह अपने पुराने आदेश में संशोधन करें और टेलीकॉम कंपनियों को राहत देखी वह केंद्र सरकार से समक्ष भुगतान के लिए शेड्यूल तैयार कर सके
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दरअसल 6 जनवरी टेलीकॉम कंपनियों को बड़ा झटका लगा था, सुप्रीम कोर्ट ने टेलीकॉम कंपनी की रिविचार याचिका को खारिज कर दिया था, सुप्रीम कोर्ट के फैसले के मुताबिक 23 जनवरी को कंपनी को बकाया चुकाना है: 22 नवंबर 2019 को सुप्रीम कोर्ट के फैसले को दूरसंचार सेवा प्रदाता कंपनियों भारती एयरटेल पूजा आइडिया और टाटा टेलीसर्विसेज ने सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल की थी सुप्रीम कोर्ट से अनुरोध किया गया की 24 अक्टूबर 2019 के उस फैसले पर फिर सेे विचार करें जिसमें गैर दूरसंचार आय को भी ए जी आर में शामिल किया गया है, इस फैसले से टेलीकॉम कंपनियों को केंद्रर कोती 1.33 लाख करोड़ रुपए चुकाने हैं।
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