निर्भया के गुनहगार विनय शर्मा को झटका SC ने किस राष्ट्रपति के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज कर दिया
आर.एन. न्यूज चैनल
14/02/2020
सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद दूसरे विनय शर्मा के सभी कानूनी विकल्प समाप्त हो गए हैं फ़ाइल फोटो
नई दिल्ली निर्भया गैंग रेप हत्या मामले के दोस्ती सिनेमा शर्मा को सुप्रीम कोर्ट से फटकार लगा दी है शीर्ष अदालत के राष्ट्रपति द्वारा दया याचिका खारिज करने के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज कर दिया गया है। की बेंच ने यह फैसला सुनाया Whne ने कहा कि हमने सारा निर्णय जेब टीचर किया है दिल्ली खारिज की जाती है कि राष्ट्रपति ने सभी को दिया स्तावेज नहीं देखें क्या भी खारिज किया जाता
कोर्ट में मुकदमे के दौरान विजय शर्मा म्यूजिकल रिपोर्ट भी पेश की गई रिपोर्ट के बारे में वेज में कहा कि ताजा रिपोर्ट कहती है कि उसकी शारीरिक और मानसिक स्थिति ठीक है बताते चलें कि राष्ट्रपति रामनाथ गोविंद दोषी मुकेश सिंह की दया याचिका खारिज कर चुके हैं। मुकेश के वकील ने भी सुप्रीम कोर्ट में राष्ट्रपति द्वारा दया याचिका खारिज करने के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका दाखिल की थी जिस पर वह था र्ष अदालत ने खारिज कर दिया था इसी के साथ मुकेश जी और विजय शर्मा के फांसी से बचने के सभी कानूनी विकल्प समाप्त हो चुके हैं
निर्भया केस ट्रायल के दौरान रो पड़ी निर्भया की मां जैसी बोली हमेशा दोषी को सुना जाता है हमें नहीं
बताते चलें कि निर्भया मामले में डेथ वारंट मिकी माउस वाली अर्जी पर सुनवाई 17 फरवरी तक के लिए चल गई है पटियाला खोज ने इस मामले के दोषी पवन को कोई मुहैया कराया है कोर्ट ने कहा कि जोशी के लिक अधिकारों की अनदेखी नहीं की जा सकती है अदालत द्वारा सुनवाई चले जाने पर निर्भया की मां कोर्ट परिसर में हीरो पड़ी उन्होंने कहा मैं भरोसा लेकर आती हूं फिर निराशा होकर जाती है इस फैसले के लिए मैं कई सालों से अदालत के चक्कर लगा रही हूं आज कुछ फैसले करें इस पर जज ने कहा कि नियम के हिसाब से तो सीखो देना होगा हम सभी को कानून प्रक्रियाओं का सामना करना चाहिए
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सुप्रीम कोर्ट के फैसले की गणना से दया याचिका खारिज होने के बाद दोषी को 14 दिनों का वक्त दिया जाता है 1 फरवरी से पहले निर्भया के दोषी को 22 जनवरी को फांसी दी जानी थी जो जल गए थे दिल्ली जेल नियमों के अनुसार एक ही अपराध के अनुसार। चारों दोष में से किसी को भी तब तक फांसी पर नहीं लटकाया जा सकता है जब तक की अंतिम दोषी दया याचिका सहित सभी कानूनी विकल्प नहीं हैं।